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Air India Flight 171 Crash: एक Tragic और अनुत्तरित सवाल !

Air India Flight 171 Crash : विक्रम सिंह द्वारा –13 जुलाई 2025 को, जब अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से Air India Flight 171 ने लंदन के लिए उड़ान भरी, तब शायद ही किसी ने सोचा था कि यह सफर भारत के विमानन इतिहास की सबसे भयावह त्रासदियों में से एक बन जाएगा। 12 जून 2025 को हुआ यह हादसा, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई, न केवल एक दुखद घटना थी, बल्कि इसने विमानन सुरक्षा, तकनीकी खामियों और मानवीय भूलों पर कई सवाल खड़े किए। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच बंद हो गए, जिसके चलते ईंधन आपूर्ति रुक गई। लेकिन यह गलती कैसे हुई? क्या यह पायलट की चूक थी, या इसके पीछे कोई और कारण था? इस ब्लॉग में हम इस हादसे के विभिन्न पहलुओं को समझने की कोशिश करेंगे और इसे एक मानवीय नजरिए से देखेंगे।

Air India Flight 171 Crash

12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (रजिस्ट्रेशन VT-ANB) ने अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी। विमान में 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 पायलट सवार थे। उड़ान शुरू होने के कुछ सेकंड बाद ही, दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई अचानक बंद हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में पायलटों के बीच हुई बातचीत से भ्रम की स्थिति का पता चलता है। एक पायलट ने पूछा, “तुमने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया?” जवाब में दूसरा पायलट इसे नकारता है। इसके तुरंत बाद, विमान ने ऊंचाई खो दी और अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास एक मेडिकल कॉलेज और छात्रावास परिसर में जा गिरा। इस हादसे में भयानक विस्फोट हुआ, जिसमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्यों के साथ-साथ जमीन पर 19 लोगों की भी जान चली गई।

Air India Flight 171 Crash बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा था, जिसने पूरी दुनिया में विमानन उद्योग को हिलाकर रख दिया।

प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष

AAIB की 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए। रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जो उड़ान के दौरान असामान्य है। ये स्विच आमतौर पर केवल जमीन पर इंजन शुरू करने या बंद करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। स्विच में लॉकिंग मैकेनिज्म होने के कारण, आकस्मिक रूप से बंद होने की संभावना को खारिज किया गया।

दोनों पायलट अनुभवी थे। कप्तान के पास 15,638 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जिसमें 8,600 घंटे बोइंग 787 पर थे, जबकि सह-पायलट के पास 3,403 घंटे का अनुभव था। दोनों चिकित्सकीय रूप से फिट थे और ड्यूटी से पहले पर्याप्त आराम ले चुके थे। फिर भी, कॉकपिट में हुई बातचीत से साफ है कि स्विच के बंद होने का कारण समझने में वे असमर्थ रहे।

हादसे के संभावित कारण

Air India Flight 171 Crash जांचकर्ताओं के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि फ्यूल स्विच आखिर बंद कैसे हुए। कुछ विशेषज्ञ इसे मानवीय भूल मानते हैं, जबकि अन्य इसे मैकेनिकल खराबी या सिस्टम की गड़बड़ी से जोड़ते हैं। एक अमेरिकी विमानन विशेषज्ञ ने थ्रस्ट कंट्रोल मालफंक्शन एकोमोडेशन (TCMA) सिस्टम की विफलता की संभावना जताई, जो गलती से यह मान सकता है कि विमान जमीन पर है और इंजन की शक्ति कम कर देता है।

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कुछ विशेषज्ञों ने और भी गंभीर संभावना की ओर इशारा किया है। एक प्रमुख विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ ने सुझाव दिया कि यह हादसा जानबूझकर किया गया हो सकता है, जैसा कि 2015 में जर्मनविंग्स फ्लाइट 9525 के मामले में देखा गया था। हालांकि, इस सिद्धांत के समर्थन में अभी कोई ठोस सबूत नहीं है।

विमानन सुरक्षा पर सवाल

Air India Flight 171 Crash हादसा भारत के विमानन इतिहास में सबसे घातक हादसों में से एक है। इससे पहले 2010 में मैंगलोर और 2020 में कोझिकोड में हुए हादसों ने भी सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए थे। इस बार, बोइंग 787 जैसे अत्याधुनिक विमान के साथ हुए इस हादसे ने तकनीकी और परिचालन प्रक्रियाओं पर नई बहस छेड़ दी है।

Air India Flight 171 Crash रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विमान में कुछ मामूली मिनिमम इक्विपमेंट लिस्ट (MEL) समस्याएं थीं, लेकिन ये उड़ान के लिए महत्वपूर्ण सिस्टम से संबंधित नहीं थीं। फिर भी, 2018 और 2021 में जारी सर्विस बुलेटिन्स में फ्यूल कंट्रोल स्विच और लॉकिंग मैकेनिज्म की समस्याओं का जिक्र था, जो जांच का हिस्सा बन सकता है।

मानवीय नुकसान और सामाजिक प्रभाव

Air India Flight 171 Crash ने न केवल यात्रियों और उनके परिवारों को प्रभावित किया, बल्कि अहमदाबाद के स्थानीय समुदाय को भी गहरा आघात पहुंचाया। मेडिकल कॉलेज और छात्रावास परिसर में हुए इस हादसे ने कई युवा छात्रों की जान ले ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटें और धुएं का गुबार आज भी उनके जेहन में ताजा है।

एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। बोइंग ने भी इस मामले में समर्थन देने का वादा किया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या Air India Flight 171 Crash टाला जा सकता था? क्या सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की जरूरत है?

भविष्य की राह

Air India Flight 171 Crash की अंतिम रिपोर्ट 12 जून 2026 तक आने की उम्मीद है, जो Air India Flight 171 Crash के कारणों को और स्पष्ट कर सकती है। तब तक, यह हादसा विमानन उद्योग के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर उड़ान के पीछे सैकड़ों जिंदगियां होती हैं। Air India Flight 171 Crash हमें तकनीक और मानवीय कौशल के बीच संतुलन की जरूरत को याद दिलाता है। हमारी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खोया। आइए, हम यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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